5 Simple Statements About treatment piles cure in 3 days Explained

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अधिक वजन उठाना: अधिक वजन उठाते समय सांस रोकने से गुदा पर दबाव बढ़ता है। लंबे समय तक ऐसा करने से गुदा की नसों में सूजन होने लगती है जिससे बवासीर की संभावना बढ़ जाती है।

बवासीर दो प्रकार की होती हैं, जो ये हैंः-

दिन में एक बार खाली पेट गर्म पानी पिएं।

उन्हें देखा या महसूस नहीं किया जा सकता है।

एनोस्कोपी : गुदा और मलाशय की परत को देखने के लिए डॉक्टर एनोस्कोप (प्रकाशित ट्यूब) का उपयोग करते है।

सिग्मोइडोस्कोपी : मलाशय के निचले हिस्से को देखने के लिए सिग्मोइडोस्कोप (एक कैमरे के साथ रोशनी वाली ट्यूब) का उपयोग किया जाता हैं।

हरितकी (हरड़): यह मल त्याग को सुगम बनाती है।

मल त्याग के बाद पूर्णता का अनुभव न होना।

पाइल्स को अपने ऊपर हावी न होने दें! click here इसके लक्षणों को जानें और उचित उपचार और रोकथाम से नियंत्रण करें। सही ज्ञान और देखभाल के साथ, आप बवासीर की परेशानी से मुक्त होकर एक आरामदायक और आत्मविश्वास से भरा जीवन जी सकते हैं।

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हां, आयुर्वेदिक चिकित्सा जैसे पंचकर्म, जात्यादि तेल, और जड़ी-बूटियों का उपयोग बवासीर को स्थायी रूप से ठीक करने में मदद कर सकता है।

कम्प्यूटराइज्ड एग्जामिनेशन: कम्प्यूटर की मदद से रेक्टल एग्जामिनेशन के दौरान डॉक्टर मलाशय (रेक्टम) में एक दस्तानेयुक्त, नमीयुक्त उंगली को एम्बेड करते हैं और असामान्य गांठ का पता लगाते हैं। यह प्रक्रिया आंतरिक बवासीर की जांच के लिए की जाती है। आंतरिक बवासीर को आमतौर पर महसूस नहीं किया जा सकता। इस स्थिति में अगर मरीज को अधिक दर्द और ब्लीडिंग होती है तो डॉक्टर रेक्टम जांच को रोक देते हैं।

आराम पाने के लिए आराम, पौष्टिक आहार और सफाई का ध्यान रखें।

बवासीर एक आम समस्या है, लेकिन इसे समय पर पहचानकर उचित उपचार और जीवनशैली में बदलाव से आसानी से ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेद और घरेलू उपचार इसके उपचार में अत्यंत प्रभावी हैं। यदि समस्या गंभीर हो, तो आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से संपर्क करना जरूरी है।

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